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    माननीय मुख्य न्यायाधीश

    प्रकाशित तिथि: February 4, 2024

    माननीय कुमारी न्यायाधीश रितु बहरी

    माननीय मुख्य न्यायाधीश कुमारी रितु बहरी माननीय न्यायाधीश महोदया का जन्म ११.१०.१९६२ को जालंधर में हुआ था। वह प्रतिष्ठित वकीलों के परिवार से हैं। उनके परदादा स्वर्गीय श्री करम चंद बहरी अपने समय के एक प्रसिद्ध सिविल वकील थे। उनके दादा स्वर्गीय श्री सोम दत्त बहरी ने भी सिविल पक्ष में कानून का अभ्यास किया था और १९५२ से १९५७ तक पंजाब विधान सभा के सदस्य भी थे। उनके पिता माननीय श्री न्यायमूर्ति अमृत लाल बहरी वर्ष १९९४ में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में सेवानिवृत्त हुए थे।

    माननीय न्यायाधीश महोदया ने अपनी स्कूली शिक्षा कार्मेल कॉन्वेंट स्कूल, चंडीगढ़ से की और गवर्नमेंट कॉलेज फॉर वुमेन, चंडीगढ़ से वर्ष १९८२ में प्रथम श्रेणी में अर्थशास्त्र में स्नातक (ऑनर्स) किया। इसके पश्चात, माननीय न्यायाधीश महोदया ने ने पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ से वर्ष १९८५ में प्रथम श्रेणी में कानून की पढ़ाई की। वह वर्ष १९८६ में पंजाब और हरियाणा बार काउंसिल में एक वकील के रूप में नामांकित हुईं और पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में अभ्यास शुरू किया। मार्च १९९२ में उन्हें सहायक महाधिवक्ता, हरियाणा के रूप में नियुक्त किया गया था। इसके बाद, उन्हें अगस्त १९९९ में उप महाधिवक्ता, हरियाणा और दिसंबर २००९ में वरिष्ठ महाधिवक्ता, हरियाणा के रूप में नियुक्त किया गया था। सेवा, भूमि अधिग्रहण, कराधान, राजस्व, श्रम और एमएसीटी से संबंधित कई मामलों की पैरवी की।

    माननीय न्यायाधीश महोदया को १६.०८.२०१० को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में और उसके बाद २३.०२.२०१२ को स्थायी न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था। माननीय न्यायाधीश महोदया ने १४.१०.२०२३ से ०३.०२.२०२४ तक पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में कर्तव्यों का पालन किया। कानून और न्याय मंत्रालय (न्याय विभाग),भारत सरकार, के दिनांक ०२.०२.२०२४ की अधिसूचना संख्या K.13032/02/2023-US.II के तहत, माननीय न्यायाधीश महोदया को उच्च न्यायालय, उत्तराखण्ड के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था एवं दिनांक ०४.०२.२०२४ को कार्यभार ग्रहण किया।